महालक्ष्मी
महालक्ष्मी व्रत कथा - Mahalakshmi Vrat Katha -
महालक्ष्मी व्रत कथा - Mahalakshmi Vrat Katha -
महालक्ष्मी व्रत कथा - Mahalakshmi Vrat Katha - महालक्ष्मी कहते हैं कि इस दिन महालक्ष्मी व्रत की पूजा के समय सुपारी और तांबे का सिक्का हाथ में लेकर ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम महालक्ष्मी लॉटरी टिकट आपको बता दें कि महालक्ष्मी का मतलब देवी लक्ष्मी, लक्ष्मी महान, विष्णु के पत्नी, वह कोल्हापुर में इष्टदेव है, वह एक दैत्य महल कहा जाता
महालक्ष्मी लॉटरी टिकट शंख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥१॥ नमस्ते गरूडारूढे कोलासूर भयंकरी । सर्व पाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥२॥ सर्वज्ञे
महालक्ष्मी धार्मिक मान्यता है कि लगातार 16 दिनों महालक्ष्मी व्रत करने से भक्त को कभी निराशा और दरिद्रता का सामना नहीं करना पड़ता है श्री महालक्ष्मी अष्टक महालक्ष्मी अष्टकम देवराज इन्द्र द्वारा रचित माता लक्ष्मी को समर्पित एक स्तोत्र है, इसका उल्लेख पद्म